कई मुद्दे ठंड में कराएंगे गर्मी का अहसास, मोदी ने बताया क्यों महत्वपूर्ण है ये सत्र
नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू हुआ। यह 29 दिसंबर तक चलेगा। सदन में राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ से कहते हुए PM नरेंद्र मोदी ने कहा-मैं इस सदन के साथ-साथ राष्ट्र की ओर से सभापति को बधाई देता हूं। आप संघर्षों के बीच जीवन में आगे बढ़ते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं, यह देश के कई लोगों के लिए प्रेरणा है। आप सदन में इस महती पद की शोभा बढ़ा रहे हैं। हमारे उपराष्ट्रपति किसान पुत्र हैं और उन्होंने सैनिक स्कूल में पढ़ाई की है। इस प्रकार वह जवानों और किसानों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। बता दें कि सत्र के समाप्त होने से पहले सत्र में 23 दिनों में 17 बैठकें होंगी। सरकार की सत्र के दौरान 16 नए विधेयक लाने की योजना है। विपक्षी दलों के सदस्यों ने सत्र के दौरान उठाने के लिए लगभग 16 मुद्दों की डिटेल्स दी है। इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा और चीन सीमा घुसपैठ, हाल ही में एम्स पर साइबर हमला, अनियंत्रित मुद्रास्फीति और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी वैधता प्रदान करने में विफलता, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर फिर से विचार करने, न्यायपालिका और सरकार के बीच हालिया संघर्ष, गिरते रुपये और गिरती जीडीपी वृद्धि, जम्मू और कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर जारी हमले भी विपक्ष और सरकार के बीच के मुद्दे हैं। राहुल गांधी और कई सीनियर कांग्रेस नेताओं के भारत जोड़ो यात्रा में होने के चलते सत्र में शामिल होने की संभावना नहीं है। पढ़िए कुछ नए अपडेट
शीतकालीन सत्र: जानिए और अन्य बड़ी बातें बैठक के दौरान, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का मुद्दा उठाया, जिसका आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कई अन्य दलों ने समर्थन किया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बैठक के बाद मीडिया से कहा, "देश के सामने बेरोजगारी और महंगाई जैसे कई मुद्दे हैं और सरकार को लोगों को जवाब देना है।" उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने चीन-भारत सीमा पर गतिरोध के बारे में विपक्ष को ठीक से सूचित नहीं किया। उन्होंने कहा, "सदन में हम इस पर और कश्मीरी पंडितों की हत्या पर भी चर्चा की मांग करेंगे।" राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश की अनुपस्थिति में बैठक में शामिल हुए कांग्रेस नेता नसीर हुसैन ने सिर्फ एक दिन में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए कोटा पर भी चर्चा की मांग की। टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि उन्होंने और उनकी पार्टी के सहयोगी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, एजेंसियों के कथित दुरुपयोग और राज्यों की कथित आर्थिक नाकाबंदी पर चर्चा की मांग की। जहां बीजद ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की मांग की, वहीं शिवसेना के शिंदे गुट ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक की मांग की। बीजद नेता सस्मित पात्रा ने राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में यह मांग उठाई। टीएमसी, कांग्रेस, एनसीपी और टीआरएस सहित कई अन्य राजनीतिक दलों ने मांग का समर्थन किया। जदयू, डीएमके, शिअद ने लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पर आम सहमति बनाने की मांग भी उठाई। उन्होंने मांग की कि इसके लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। बीएसी की बैठक में टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी यह मांग उठाई थी। स्पीकर ओम बिड़ला ने लोकसभा के लिए बीएसी की अध्यक्षता की, जबकि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन के लिए बीएसी की अध्यक्षता की, जिसमें सदन के नेताओं ने भाग लिया। आप नेता संजय सिंह ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने वाले कानून पर चर्चा की मांग की। | ![]() |
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