खटीक समाज का विकास बोर्ड बनाएं सरकार, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

 


भीलवाड़ा ।  राजस्थान खटीक समाज विकास बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अखिल भारतीय खटीक समाज ने जिलाध्यक्ष बंशीलाल पटेल की अगुवाई में मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष बंशीलाल पटेल ने ज्ञापन में बताया की  आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा सभी समाजों के विकास की और ध्यान दिया जाकर विभिन्न बोर्डों, निगमों की स्थापना की गई है तथा उनके प्रतिनिधियों को सत्ता व संगठन में पहली बार भागीदारी दी गई है। जिसका हम स्वागत करते है लेकिन हमारा समाज अभी तक इससे बंचित रहा है। खटीक समाज आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्र में अत्यंत पिछड़ा हुआ है। समाज के लोग परम्परागत पुश्तैनी विभिन्न कार्य जैसे बकरी / बकरा पालन में इनका कय-विक्रय मे पालन का पालन, मुर्गी पालन मछली पालन मधुमक्खी पालन कबाड़ी का कार्य, कपडा फेरी, मोटरसाइकिल साइकिल रिपेयरिंग कार्य, गैस चूल्हा रिपेयरिंग कार्य, चमड़े का कार्य, मीट का कार्य, काफ्ट कुटिर एवं लघु उद्योग आदि का कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।

उपरोक्त समस्त कार्य अत्यंत अल्प आय के है जिससे परिवारों का पूर्ण रूप से भरण-पोषण भी नहीं हो पाता है। नौकरिया सीमित रह गई है, शिक्षा के अभाव में हमारा समाज पूर्ण रूप से राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से कोसों दूर है। राज्य सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े हुए समाजों के आर्थिक सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें विशेष रूप से केशकला बोर्ड माटी कला बोर्ड राजस्थान राज्य रजक (धोबी) कल्याण बोर्ड, विप्र कल्याण बोर्ड, देवनारायण बोर्ड महात्मा ज्योतिका फूल बोर्ड आदि है। हम भी राज्य सरकार से यह अनुरोध करते हैं कि खटीक समाज का भी विकास बोर्ड किया जाये जिससे इम भी राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जाम सके।

समाज के विकास व उत्थान हेतु राजस्थान खटीक समाज विकास बोर्ड का गठन किया जाना आवश्यक है ताकि समाज के बेरोजगारों को जो राजस्थान के सभी जिलों में काफी तादाद में निवास करते हैं। उनको अपने पुश्तनी कार्य तु प्रेरित किया जा सके तथा बैंक के माध्यम से सरकार के सहयोग से उन्हें नियोजित किया जा सके। राजस्थान खटीक समाज विकास बार्ड इसका माध्यम बन सकेगा। समाजजनों ने समाज की मांग पर सहानुभूति विचार कर बोर्ड गठित करवाने की मांग की।  ज्ञापन देने वालों में नाथू लाल डीडवानिया, चांदकरण खोईवाल, शांतिलाल चावला, जगदीश चंद्र खोईवाल, ताराचंद सोलंकी, श्यामलाल खींची, राधेश्याम चंदेल  बदनोर ,सत्यनारायण खोईवाल, प्रेमचंद खोईवाल कैलाश पटेल आदि मौजूद थे।

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