सर्दी के बढ़ते ही ति‍ल के व्‍यंजनों की बढ़ी बि‍क्री

 


भीलवाड़ा (हलचल) । सर्दी बढ़ते ही बाजार में सूखे मेवों की बिक्री बढ़ गई है। बाजार में जूस के स्थान पर जगह-जगह मूंगफली व गजक की रेहडिय़ां नजर आती हैं। सूखे मेवे काजू-बादाम मंहगे होने के कारण जहां केवल अमीरों की पहुंच तक ही सीमित हो गए है, वहीं सर्दियों में मूंगफली व गजक हर वर्ग की पसंद बन गए हैं।

भीलवाड़ा में मकर संक्रांति के नजदीक आने के साथ ही तिल के व्यंजन यानि गजक का बाजार सजने लगा है। पहले जहां   अजमेर जिले के ब्यावर कस्बे की गजक बिक्री के लिए  यहां आती थी। लेकिन अब कई व्यापारी भीलवाड़ा में ही गजक तैयार करने लगे हैं। यहां गांधीनगर में डाक बंगले के नजदीक साहू गजक भंडार के नाम से कालू साहू ने गजक फै क्ट्री लगाई है। जहां करीब दो दर्जन तरह के तिल व्यंजन तैयार किये जा रहे हैं, इनमें सबसे ज्यादा बिकने वाली सदाबहार गजब, शाही गजक, डिस्को चक्की, मुरैना गजब, रॉल गजक और बर्फी गजक शामिल हैं। इनमें पिस्ता गजक, काजू गजक और बदाम गजक भी तैयार की जा रही है। साहू ने बताया कि सर्दी के साथ ही गजक का कारोबार शुरू हो जाता है जो मकर संक्रांति तक चलता है। उन्होंने बताया कि तिल्ली की रेट बढऩे से इस बार लोग गजक की बिक्री पर असर पड़ा है। 
साहू ने बताया कि गजक गुड़ और शक्कर से तैयार की जा रही है। वैसे, गुड़ की गजक अच्छी मानी जाती है और सहत के लिए भी गुणकारी होती है। शहर में दर्जनभर स्थानों पर गजक तैयार की जा रही है। लेकिन कुछ जगह गजक काफी तरह की तैयार होती है, जिन्हें ठेले और थडिय़ों पर बैचा जाता है। 

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