पांच महीने की बच्ची को नहर में फेंका, आरोपी पिता और मां गिरफ्तार
बीकानेर . पांच महीने की बच्ची को नहर में फेंकने का मामला सामने आया है। मासूम को किसी और ने नहीं, बल्कि उसके मां-बाप ने फेंका था। ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि यह जघन्य अपराध उसके पिता ने अपनी सरकारी नौकरी को बचाने के लिए किया। संविदा पर मिली सरकारी नौकरी में परेशानी से बचने के लिए पिता झंवरलाल ने बेटी अंशिका उर्फ अंशु को मार दिया। पुलिस ने आरोपी पिता और मां दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना बीकानेर के छत्तरगढ़ थाना इलाके की है। झंवरलाल चांडासर गांव में विद्यालय सहायक के पद पर संविदा पर काम करता है। पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि झंवरलाल ने इस घटना में अपनी पत्नी को भी शामिल कर लिया था। वो दो दिन पहले ही छत्तरगढ़ स्थित अपने साले के घर गया था। रविवार शाम को चार सीएचडी स्थित साले के घर से वापस दियातरा जाते समय रास्ते में बच्ची को नहर में फेंक दिया। फिर यहां से दियातरा के लिए रवाना हो गया। झंवरलाल बाइक पर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ था। रविवार शाम 5 बजे दंपती ने 5 महीने की बच्ची को इंदिरा गांधी नहर प्रोजेक्ट में फेंक दिया। मासूम को फेंकते देख कुछ लोग चिल्लाए तो बाइक सवार भाग गए। लोगों ने बच्ची को नहर से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटना की जानकारी मिलने पर छत्तरगढ़ और खाजूवाला एरिया में नाकेबंदी कर दी गई। जहां खाजूवाला के ट्रेनी सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार ने दंपती की बाइक को रोका। पूछताछ करने पर झंवरलाल ने साले के यहां आना बताया। शक होने पर मुकेश कुमार ने उनकी फोटो खींच ली। बाइक का भी फोटो लिया। झंवरलाल का आधार कार्ड का फोटो भी मोबाइल से खींचा। इसके बाद जाने दिया। आला अधिकारियों को इस बारे में पता चला तो दियातरा से झंवरलाल के बारे में जानकारी ली गई। इसके बाद दंपती को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसलिए फेंका... झंवरलाल ने पिछले साल दिसंबर में ही खुद की दो संतान होने का शपथ पत्र दिया था। उसे अंदेशा था कि दो से ज्यादा बच्चे होने पर उसका स्थाईकरण नहीं होगा। ऐसे में उसने एक बच्ची को नहर में फेंककर मार दिया। |
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